“हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र का निर्माण: संस्थागत और जमीनी आंदोलनों का ऐतिहासिक विश्लेषण (1925–2020)”
Author(s): Ashok KumarAbstract
बीसवीं शताब्दी की भारतीय राजनीतिक चेतना में “राष्ट्र” और “राष्ट्रवाद” के विचारों ने जिस प्रकार विविध वैचारिक धाराओं को जन्म दिया उनमें “हिंदुत्व” की अवधारणा एक निर्णायक और स्थायी भूमिका में उभरकर सामने आई। हिंदुत्व केवल धार्मिक पहचान या बहुसंख्यक भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि यह एक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का वैचारिक आधार बन गया है जो भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में परिभाषित करने की दीर्घकालिक परियोजना का हिस्सा है। इस शोधपत्र का उद्देश्य हिंदुत्व के ऐतिहासिक विकास को 1925 से 2020 तक की समयावधि में संस्थागत एवं जनांदोलनों के परिप्रेक्ष्य में विश्लेषित करना है।