पॉप-कल्चर में ढली हरियाणवी रागनी : परंपरा के स्वर और आधुनिकता के रंग
Author(s): योगेश डागर एवं डॉ. शिव कुमारAbstract
हरियाणवी रागनी हरियाणा की समृद्ध लोकगायन परंपरा की एक महत्वपूर्ण विधा है जो अपनी विशिष्ट शैली और भावप्रवणता के लिए जानी जाती है। समय के साथ इस पारंपरिक गायन शैली ने न केवल हरियाणा व पड़ोसी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई बल्कि हरियाणवी और हिंदी सिनेमा को प्रभावित करते हुए व्यापक स्तर पर लोकप्रियता पाने में सफल हुई और वर्तमान समय में इस विधा नें पॉप कल्चर में भी नई ऊचाईयां हासिल की है। आज हरियाणवी रागनी न केवल लोक उत्सवों और मेलों के अवसर पर लोकमंच से गूंजती है बल्कि बॉलीवुड फिल्मों म्यूजिक वीडियो वेब सीरीज और डिजिटल मीडिया के माध्यम से देशभर में लोकप्रिय हो रही है। इस विधा का फ्यूजन आधुनिक म्यूजिक के साथ हो रहा है साथ ही और भी कई शैलीगत प्रयोगों ने इसे एक नया रूप दिया है। रागनी के पारम्परिक स्वर अब नए रंगों में ढल रहे हैं। जिसे युवा पीढ़ी खूब पसंद कर रही है । यह आलेख हरियाणवी रागनी के इस सफर को समझने का एक प्रयास है कि कैसे एक पारंपरिक गायन व संगीत विधा ने पॉप कल्चर में अपनी जगह स्थापित की और आधुनिकता के साथ मिलकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को कायम रखते हुए एक नई पहचान बनाई है।