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नागार्जुन के प्रमुख उपन्यासों के केंद्रीय पात्र
Author(s): फरहत नवी

Abstract
हिंदी साहित्य अत्यंत समृद्ध है। इस में स्वर्ण काल (प्राचीन और मध्यकालीन काल) के साथ-साथ आधुनिक साहित्य की अनेक विधाएँ पर्याप्त समृद्ध हैं। उपन्यास भी एक ऐसी ही विधा है जिसका विकास तीव्र गति से हुआ और निरंतर हो रहा है। हिंदी के अनेक कथाकारों ने विविध कथ्यों और पात्रों के उपन्यासों का सृजन किया है। नागार्जुन कालजयी कथाकार प्रेमचंद से सच्चे उत्तराधिकारी हैं। नागार्जुन ने 11 उपन्यास लिखे हैं। इन में नायकों (प्रमुख पात्रों) के विविध आयाम उद्घाटित हुए हैं। उनके प्रायः सभी उपन्यास यथार्थवादी हैं जिनके स्त्री पात्रों का चरित्र चित्रण बेजोड़ है। उनके उपन्यासों के मुख्य पात्र सजीव और क्रियाशील हैं. जो प्रायः जीवन के यथार्थ की खुरदरी जमीन पर संघर्ष करते दिखाई देते हैं।